Sunday 5 February 2012

श्रीराम कथा से ...

श्रीराम कथा से ...
तीर्थो की अपेक्षाए पूर्ण करो.
स्नान करने की महिमा है, पूजन की है, दान की है.
तीर्थ सबसे बड़ी तो यह अपेक्षा रखता है की हम हंस बने बगुले नहीं.
इर्द गिर्द की बाते छोडो, रूचि का रक्षण करो.
मौन रहेंगे तो शब्द छूटेगा
एकांत में रहेंगे तो संग छूटेगा
आँख बंद करके ध्यान करेंगे तो विचार छूटेगा
समाधी लगेगी तो स्वयं छूटेगा, आपापना छूटेगा
भीड़ नहीं है, तुम अन्दर से पैदा कर रहे हो.
कैलाश मानसरोवर में दो वस्तु सीखे. कैलाश की ऊंचाई और मानसरोवर की गहराई. जीवन विवेक की ऊंचाई, भाव की गहराई.

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